जूस का ठेला लगाने और श्मशान भूमि के चौकीदार की नौकरी से शुरु करने वाले, मनसे के विधायक रमेश वांझले का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है। उल्लेखनीय है कि रमेश वांझले ने महाराष्ट्र विधानसभा में "भारत माता को डायन कहने वाले" अबू आज़मी का माइक छीनकर उसे थप्पड़ मारा था। अपने हर भाषण की शुरुआत "मैं दिखता हूं विलेन जैसा, लेकिन काम करता हूं ही
रो जैसा…" से करने वाले रमेश एक दिलदार, मेहनती और हिम्मत वाले इंसान थे। जब सभी पार्टियों ने उन्हें टिकिट देने से मना कर दिया था, तब राज ठाकरे ने रमेश की लोकप्रियता को पहचाना और वह खड़कवासला सीट से भारी बहुमत से जीते…। विधायक बनने से पहले जूस के ठेले की कमाई से उन्होंने कई गरीब दलितों को काशी की यात्रा करवाई… शरीर पर 800 ग्राम सोने के कड़े और मोटी चेन पहनना उनका शगल भी था और पहचान भी…। उन्हें उम्मीद थी कि हिन्दुत्व की राह से भटके राज ठाकरे और बाल ठाकरे फ़िर साथ आएंगे और हिन्दुत्व को मजबूत करेंगे… लेकिन उनका यह स्वप्न अधूरा ही रहा।
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